कंपनी- टीएचडीसीआईएल


टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड विद्युत क्षेत्र का अग्रणी एवं सार्वजनिक क्षेत्र का लाभ अर्जित करने वाला उद्यम है एवं यह कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत जुलाई, 1988 में पब्‍लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत है । टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को भारत सरकार ने अक्‍टूबर, 2009 में मिनी रत्‍न श्रेणी-। का दर्जा दिया था जिसे जुलाई, 2010 में शेडयूल ‘ए’ पीएसयू में अपग्रेड किया गया ।
 
पूर्व में कंपनी की इक्‍विटी की अंशभागिता भारत सरकार एवं उत्‍तर प्रदेश सरकार के मध्‍य 75:25 के अनुपात में थी। रणनीतिक बिक्री के अनुसरण में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में भारत के राष्‍ट्रपति के द्वारा धारित इक्‍विटी के विधिक एवं मालिकाना हितों के अधिग्रहण हेतु एनटीपीसी लिमिटेड एवं भारत के राष्‍ट्रपति के मध्‍य 25 मार्च, 2020 को अंशभागिता क्रय करार निष्‍पादित किया गया था। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में इक्विटी की रणनीतिक बिक्री के पश्‍चात इक्विटी की अंशभागिता एनटीपीसी लिमिटेड एवं उत्‍तर प्रदेश सरकार के मध्‍य 74.496% एवं 25.504% के अनुपात में है। 
 
कंपनी की प्राधिकृत शेयर पूंजी 4000 करोड़ रुपए है और 31 मार्च, 2023 के अनुसार प्रदत्त पूंजी 3665.88 करोड़ रु. है। टीएचडीसीआईएल ने अपनी शुरूआती परियोजना टिहरी एचपीपी(1000 मे.वा.) के वाणिज्यिक प्रचालन के प्रथम वर्ष (2006-07) से ही लाभ अर्जित करना शुरू कर दिया था तथा टीएचडीसीआईएल तब से लगातार लाभ अर्जित करने वाली कंपनी है ।
 
टीएचडीसीआईएल का गठन 2400 मेगावाट के टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्पलैक्स(टिहरी एचपीपी 1000 मे.वा., टिहरी पीएसपी-1000 मे.वा. एवं कोटेश्‍वर एचईपी-400 मे.वा.) तथा अन्य जल विद्युत परियोजनाओं के विकास, परिचालन एवं अनुरक्षण के एकमात्र उद्देश्‍य के लिए किया गया था।  
कारपोरेशन देश के विभिन्‍न राज्‍यों के साथ –साथ पड़ोसी देश भूटान में भी अपनी परियोजनाएं स्‍थापित करने के फलस्‍वरूप एक बहु परियोजना संगठन के रूप में उभरा है, संगठन ने अपने व्‍यवसाय का विस्‍तार, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत एवं ताप विद्युत संयंत्रों में भी किया है।

वर्तमान में टीएचडीसीआईएल के पोर्टफोलियो में कुल 4516 मे.वा. क्षमता की 10 परियोजनाएं (जल, ताप, पवन एवं सौर विद्युत) शामिल हैं। इसमें 1587 मे.वा. की प्रचालनात्‍मक परियोजनाएं (टिहरी एचपीपी-1000 मे.वा., कोटेश्‍वर एचईपी-400 मे.वा., ढुकुवां एसएचपी-24 मे.वा., पाटन पवन फार्म-50 मे.वा., देवभूमि द्वारका पवन फार्म-63 मे.वा. एवं कासरगाड सौर विद्युत संयंत्र-50) तथा 2764 मे.वा. की निर्माणाधीन परियोजनाएं (टिहरी पीएसपी-1000 मे.वा., वीपीएचईपी 444 मे.वा. एवं खुर्जा 1320 मे.वा.) और बोकांग बेलिंग एचईपी (165 मे.वा.) डीपीआर चरण में हैं।
 
इसके अलावा, टीएचडीसीआईएल उत्‍तर प्रदेश राज्‍य में एसपीवी (टीएचडीसीआईएल एवं यूपीनेडा के जेवी नामत: टस्‍को) के माध्‍यम से 2000 मे.वा., के यूएमआरईपीपी (उत्‍तर प्रदेश के ललितपुर एवं झांसी जिला प्रत्‍येक में 600 मे.वा. के एवं चित्रकूट में 800 मे.वा. क्षमता के सौर पार्को) का भी विकास कर रही है ।
 
राजस्थान राज्य में 10,000 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क के विकास के लिए 25.03.2023 को टीएचडीसीआईएल और राजस्थान नवीनीकरणीय ऊर्जा निगम लिमिटेड (आरआरईसीएल) के मध्‍य 'ट्रेडको राजस्थान लिमिटेड' नाम की  संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनी का भी गठन किया गया।
 
इसके अतिरिक्‍त,  अन्‍य कुछ परियोजनाएं व्‍यवसाय विकास के चरण में हैं ।