
वर्तमान में तीन जल विद्युत, दो पवन एवं एक सौर विद्युत संयंत्र के प्रचालन के साथ टीएचडीसीआईएल की संस्थापित क्षमता 1587 मे.वा. है। टीएचडीसीआईएल ने अपनी तीन निर्माणाधीन परियोजनाएं नामत: टिहरी पीएसपी(4X250 मे.वा.), विष्णुगाढ पीपलकोटी एचईपी (4X111 मे.वा.) एवं खुर्जा एसटीपीपी(2X660 मे.वा.) की प्रत्याशित कमीशनिंग से 2025-26 तक 2764 मे.वा. की अभिवृद्धि की परिकल्पना की है। वर्ष 2025-26 में टीएचडीसीआईएल ने 4351 मे.वा. की संस्थापित क्षमता हासिल करने की परिकल्पना की है।
इसके अलावा, टीएचडीसीआईएल उत्तर प्रदेश राज्य में टीएचडीसीआईएल एवं यूपीनेडा(उत्तर प्रदेश सरकार की एक यूनिट/इकाई) की संयुक्त उपक्रम कंपनी नामत: टस्को के माध्यम से 2000 मे.वा., (उत्तर प्रदेश के ललितपुर एवं झांसी जिला प्रत्येक में 600 मे.वा. के एवं चित्रकूट में 800 मे.वा.) के सौर विद्युत पार्को का विकास कर रही है, टस्को कंपनी सितंबर, 2020 में पंजीकृत हुई है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में 600 मे.वा. के अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत पार्क का शिलान्यास नवम्बर, 2021 में किया ।
टीएचडीसीआईएल ने राजस्थान राज्य में 10,000 मे.वा. के अल्ट्रा मेगा नवीनीकरणीय ऊर्जा पार्को के विकास के लिए आरआरईसीएल (राजस्थान नवीनीकरणीय ऊर्जा कारपोरेशन लि.) के साथ 15 अप्रैल, 2022 को एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। आरई पार्को का विकास एसपीवी टीएचडीसीआईएल एवं आरआरईसीएल के मध्य जेवी कंपनी के रूप में किया जाएगा । टीएचडीसीआईएल और आरआरईसीएल के मध्य नामत: 'ट्रेंडको राजस्थान लिमिटेड' संयुक्त उद्यम(जेवी) कंपनी का गठन 25.03.2023 को किया गया है।
इसके अतिरिक्त, विद्युत मंत्रालाय, भारत सरकार ने अरूणाचल प्रदेश के लोहित घाटी में दो जल विद्युत परियोजना 1750 मे.वा. की देमवे लोअर एवं 1200 मे.वा. की कलाई-II उपयुक्त विश्लेषण करने एवं मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने हेतु आबंटित की है ।
टीएचडीसीआईएल, कार्यालय परिसर, ऋषिकेश, उत्तराखण्ड में 01 मे.वा. क्षमता (इलेक्ट्रोलाइसर ' फ्यूल सेल बेस्ड माइक्रो ग्रिड सिस्टम) को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 'ग्रीन हाईड्रोजन' को कार्यान्वित करने की योजना बना रही है।
इसके अलावा अक्षय स्रोतों से ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण प्रौद्योगिकियों से ऊर्जा उत्पादन की भविष्य की संभावनाओं का पता लगाने के उद्देश्य से 5 साल की अवधि के लिए अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए 3 दिसंबर, 2021 को टीएचडीसीआईएल और इरेडा के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
टीएचडीसीआईएल देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी देशों में भी जल विद्युत, पम्प स्टोरेज एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा योजना की संभावनाओं की भी तलाश कर रही है।
विद्युत मंत्रालय ने उत्तराखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल राज्य में 12,555 मेगावाट की कुल क्षमता की 10 पंप स्टोरेज परियोजनाओं के उपयुक्त विश्लेषण करने तथा मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ मामले पर बात करने हेतु टीएचडीआईएल को निर्देशित किया है की जा सके, । टीएचडीसीआईएल को निर्दिष्ट पीएसपी की पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति पूर्व में ही की जा चुकी है। कुछ परियोजनाओं के पीएफआर तैयार करने का कार्य प्रगति पर है।
टीएचडीसीआईएल को सम्पूर्ण भारत में विद्युत व्यापार के लिए पावर ट्रेडिंग लाइसेंस प्राप्त हो गया है।
टीएचडीसीआईएल अन्य देशों में विद्युत परियोजनाएं जैसे 2585 मेगावाट की संकोश एचईपी (भंडारण परियोजना) और 180 मेगावाट की बुनाखा एचईपी भूटान में, 1305 मेगावाट सुसुमिर-कोकोमेरेन एचपीपी किर्गिस्तान में और 50 मेगावाट ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा परियोजना घाना में भी प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है।
कारपोरेशन अन्य सीपीएसयू/राज्यों/निजी क्षेत्र को जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु परामर्श/ परियोजना कार्यान्वयन की सेवाएं देने के लिए भी तत्पर है।
कारपोरेट नियोजन हेतु हाईपरलिंक
Updated on : 19/06/2023