प्रस्तावना


टीएचडीसीआईएल की अभिदृष्‍टि है- पर्यावरण, पारिस्‍थितिकीय तथा सामाजिक मूल्‍यों की प्रतिबद्धता के साथ धारणीय विद्युत का विकास करना।
 
एक जिम्‍मेदार कारपोरेट नागरिक के रूप में टीएचडीसीआईएल अपनी गतिविधियों के पर्यावरणीय प्रभाव को नियंत्रित करने का प्रयास करता है। वायुमंडलीय उत्‍सर्जन में कमी (विशेषतया ग्रीन हाउस गैस), मृदा और जल संरक्षण के लिए उपाय, जैव विविधता संरक्षण, आस-पड़ोस में सुविधाओं का समेकन, स्रोत में कमी, पुन: उपयोग, पुनर्चक्रण:  पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के सभी पहलुओं के लिए प्रयास करता है।
 
इसके अतिरिक्‍त निर्माण परियोजनाओं हेतु प्रभाव अध्‍ययन भी किए गए हैं जो जैव-भौतिकीय एवं मानव पर्यावरण पर प्रभाव डाल सकते हैं; शमन, प्रतिपूर्ति एवं अनुवर्ती उपाय भी विकसित किए गए हैं। यह सुनिश्‍चित करने के लिए कि इसकी कार्रवाईयां प्रभावी हैं, टीएचडीसीआईएल ठोस पर्यावरणीय प्रबंधन प्रणालियों को अपनाता है। तीन परियोजनाओं नामत: टिहरी एचपीपी, टिहरी पीएसपी और विष्‍णुगाड पीपलकोटी एचईपी हेतु आईएसओ 14001:2015 (ईएमएस) प्राप्‍त किया गया है।
 
पर्यावरणीय धारणीयता पर टीएचडीसीआईएल की रणनीति ऊर्जा एवं जल का ईष्‍टतम उपयोग करना, कार्बन नकल (फुटप्रिंट) कम करना और जैव विविधता के संरक्षण/पुनर्निर्माण करना है।
टीएचडीसीआईएल का मानना है कि कंपनी का व्‍यापार केवल इसके द्वारा उत्‍पादित वित्‍तीय परिणामों से नहीं समझा जाना चाहिए परंतु इससे समझा जाना चाहिए कि यह समाज पर पूर्ण रूप से क्‍या छाप छोड़ता है एवं विशेषकर पर्यावरण पर क्‍या प्रभाव डालता है।
घटकों जैसे भूमि, जल, वायु, वनस्‍पति एवं जन्‍तुओं को प्रभावित करने वाली प्रमुख पर्यावरणीय चिंताओं का समाधान विभिन्‍न स्‍टेकहोल्‍डरों अर्थात सार्वजनिक एजेंसियों, स्‍थानीय समुदायों, शैक्षिक एवं वैज्ञानिक संस्‍थाओं, निवेश समुदाय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय विकास भागीदारों के द्वारा पर्यावरणीय प्रबंधन हेतु अपने संसाधनों और शक्‍तियों का प्रयोग कर किया जाता है।
 
पर्यावरण प्रभाव आंकलन के बाद परियोजना हेतु पर्यावरणीय प्रबंधन योजना (ईएमपी) तैयार की गई है। पर्यावरण प्रबंधन योजना विधायी अपेक्षाओं, सर्वश्रेष्‍ठ प्रथा दिशा-निर्देशों और संभवित प्रभावों और शमन उपायों का समाधान करने वाली पहलों को प्रतिबिंबित करती है।
 
ईएमपी का लक्ष्‍य परियोजना के संभावित प्रतिकूल प्रभावों को समाप्‍त करना और वर्तमान पर्यावरण गुणवत्‍ता को बनाए रखना है। ईएमपी में परियोजना के नियोजन, निर्माण एवं प्रचालन के सभी पहलू आते हैं जो पर्यावरण से संबंधित हैं।
पर्यावरण प्रबंधन योजना की यह सुनिश्‍चित करने के लिए समीक्षा की जाती है कि सभी पर्यावरणीय प्रभावों का समाधान किया जा रहा है और लगातार सुधारों के लिए गुंजाइश छोड़ी जा रही है।