भावी योजना

  • टीएचडीसीआईएल की वर्तमान संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट है जिसमें तीन जल विद्युत, दो पवन और एक सौर विद्युत संयंत्र शामिल हैं। टीएचडीसीआईएल ने अपनी तीन निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं नामत: टिहरी पीएसपी (4x250 मेगावाट), विष्णुगाड पीपलकोटी एचईपी (4x111 मेगावाट) और खुर्जा एसटीपीपी (2x660 मेगावाट) के प्रत्याशित कमीशन के साथ 2024-25 तक 2764 मेगावाट वृद्धि की परिकल्पना की है । टीएचडीसीआईएल की संस्थापित क्षमता  वर्ष 2024-25  के अंत तक 4351 मेगावाट होने की परिकल्पना की गई है।
  • टीएचडीसीआईएल उत्तर प्रदेश राज्‍य के झांसी (600 मेगावाट), ललितपुर(600 मेगावाट) और चित्रकूट (800 मेगावाट) में 'टीएचडीसीआईएल' और 'यूपीनेडा' (उ.प्र. सरकार की एक इकाई/एजेंसी) के मध्‍य 74:26 के अनुपात में इक्विटी भागीदारी के साथ 'टस्को लिमिटेड’ नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी जो सितंबर 2020  में पंजीकृत है, के माध्यम से 2000  मेगावाट के सौर विद्युत पार्क विकसित कर रहा है। 2000 मेगावाट के सौर विद्युत पार्कों के लिए एमएनआरई  द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।
  • राजस्थान राज्य में 10,000 मेगावाट अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्कों के विकास के लिए अप्रैल 2022 में टीएचडीसीआईएल और आरआरईसीएल के मध्‍य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। आरई पार्क को टीएचडीसीआईएल और आरआरईसीएल(राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड)  के मध्‍य एक संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में एसपीवी के माध्यम से विकसित किया जाएगा।
  • जिला पिथौरागढ़ (उत्‍तराखण्‍ड) में 165  मेगावाट की प्रस्तावित संस्थापित क्षमता के साथ धौलीगंगा नदी (काली/सारदा नदी की एक सहायक नदी) पर बोकांग बेलिंग एचईपी परियोजना की डीपीआर तैयार करने का कार्य प्रगति पर है।
  • विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने टीएचडीसीआईएल को अरुणाचल प्रदेश में लोहित बेसिन के विकास का काम भी सौंपा है जिसमें कलाई - II एचईपी(1200 मेगावाट) और डेमवे (लोअर) एचईपी (1750 मेगावाट) का विकास शामिल है।
  • महाराष्ट्र सरकार ने दो पंप स्टोरेज योजना(पीएसएस) अर्थात मलशेज घाट (700 मेगावाट और  हुम्बर्ली (400 मेगावाट) की डीपीआर के अद्यतनीकरण का कार्य सौंपा है । मलशेज घाट की डीपीआर को कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को प्रस्तुत किया गया है।
  • जल विद्युत क्षेत्र के विकास में भारत-भूटान सहयोग के तहत,  विद्युत मंत्रालय ने भूटान में दो परियोजनाएं  अर्थात संकोश स्‍टोरेज परियोजना (2585 मेगावाट)  एवं बुनाखा एचईपी (180 मेगावाट) को  डीपीआर को अद्यतन करने के साथ-साथ भूटानी सार्वजनिक उपक्रमों के साथ अंतर सरकारी प्राधिकरण मॉडल/संयुक्त उद्यम के रूप में कार्यान्‍वयन करने हेतु आवंटित किया है।  दोनों परियोजनाओं की डीपीआर प्रस्‍तुत कर दी गई है।
  • टीएचडीसीआईएल हाइड्रोजन परियोजनाएं शुरू करने और भारत सरकार के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने का प्रयास कर रहा है। टीएचडीसीआईएल कार्यालय परिसर ऋषिकेश (उत्तराखंड)  में1  मेगावाट क्षमता )इलेक्ट्रोलिसर एवं फ्यूल-सेल आधारित माइक्रो-ग्रिड सिस्टम) की पायलट परियोजना के रूप में 'ग्रीन हाइड्रोजन' को कार्यान्‍वयन करने की भी योजना बना रहा है ।
  • टीएचडीसीआईएल 'टीएचडीसीआईएल' और 'यूजेवीएन (उत्‍तराखण्‍ड सरकार  का एक सार्वजनिक उपक्रम) की संयुक्त उद्यम कंपनी के माध्यम से उत्तराखंड में जल विद्युत क्षेत्र के तीव्र विकास हेतु संभावनाओं की खोज कर रहा है ।
  • टीएचडीसीआईएल केरल राज्य में पंप स्‍टोरेज संयंत्रों के विकास की संभावनाएं तलाश रहा है। 'केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड' के साथ बातचीत चल रही है ।
  • टीएचडीसीआईएल देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी देशों में जल विद्युत, पंप स्टोरेज और नवीकरणीय ऊर्जा  योजनाओं के विकास की संभावनाएं भी तलाश रहा है।
  • टीएचडीसीआईएल भारत में सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं के मौजूदा जलाशयों और नहरों पर फ्लोटिंग सौर विद्युत संयंत्रों का विकास करने की योजना बना रहा है।
  • टीएचडीसीआईएल जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में अन्य सीपीएसयू/राज्यों/निजी क्षेत्र को परामर्श/परियोजना कार्यान्वयन सेवाएं प्रदान करने कर रहा है ।
  • इसके अलावा अक्षय स्रोतो, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण प्रौद्योगिकियों से ऊर्जा उत्पादन की भविष्य की संभावनाओं का पता लगाने के उद्देश्य से 5 साल की अवधि के लिए अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए दिसंबर 2021 में टीएचडीसीआईएल और इरेडा के बीच  समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • टीएचडीसीआईएल के पास वर्ष 2017 से टीएचडीसीआईएल परिसर, ऋषिकेश में 500 किलोवाट क्षमता का एक ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट है। टीएचडीसीआईएल की ऋषिकेश में 500 किलोवाट क्षमता का एक और ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट संस्थापित करने की योजना है।